जो कलियुग के अंत में धर्म को स्थापित करने के लिए आते हैं। इस अवतार के आगमन को भगवान की एक विशेष गतिविधि के रूप में माना जाता है, जिसका मकसद धर्म के उत्थान और अधर्म के नाश करना होता है।
कई पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में कल्कि अवतार के आगमन की भविष्यवाणी की गई है। उनके आगमन से पृथ्वी पर न्याय और शांति का राज्य स्थापित होगा। हिंदू धर्म में विश्वास किया जाता है कि कल्कि अवतार का आगमन कलियुग के अंत में होगा, जब धर्म की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण होगी।
कल्कि अवतार के व्यक्तित्व को पुराणों में विस्तार से वर्णित किया गया है। वे एक उत्कृष्ट योद्धा, न्यायप्रिय और धर्मात्मा होते हैं। उनका आगमन धर्म के प्रतिरोध में होता है और अधर्म को नष्ट करने का कार्य करते हैं।
कल्कि अवतार का आगमन धर्म के प्रचारक और संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है। इसके माध्यम से, उन्हें धर्म के प्रतिरोधी तत्वों के विरुद्ध लड़ने का कार्य मिलता है।
इस रूप में, कल्कि अवतार एक महत्वपूर्ण धार्मिक आधार है जो सच्चाई, न्याय, और धर्म की जीत की प्रतीक्षा करता है। इसलिए, हमें इस महत्वपूर्ण धार्मिक आधार को समझने और समर्थन करने की आवश्यकता है।
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